ش | ی | د | س | چ | پ | ج |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 |
29 | 30 | 31 |
استاد می گوید شیشه ها با هر ضربه ای ترک میخورند. حتی اگر ترک ها دیده نشوند. می گوید این ترک ها میماند و جمع میشود و بعد ممکن است با ضربه ای کوچک ، به یکباره بشکند. دو نیم شود یا تکه تکه، ریز ِ ریز. بسته به جنسش.
آدمیزاد هم همین است.